बागेश्वर : उत्तराखंड में बागेश्वर के रमाड़ी हादसे में जान गंवाने वाले दरवान सिंह असम राइफल्स के सेवानिवृत्त सैनिक थे। उनका परिवार कई साल पहले ह्यूंडुंगरा से बिंदुखत्ता (नैनीताल) बस गया था। वह परिवार के साथ पूजा के लिए गांव आए थे। हादसे में दरवान सिंह और तीन अन्य लोगों की जान जाने से गांव और इलाके में शोक की लहर है। जानकारी के अनुसार, दरवान सिंह एक सप्ताह पहले परिजनों के साथ गांव आ गए थे। पिथौरागढ़ जिले के होकरा में स्थित मंदिर में परिवार ने सामूहिक पूजा की थी। दो दिन पहले पूजा संपन्न हो गई थी। दरवान सिंह गुरुवार की शाम शामा (कपकोट) लौट रहे थे। दरवान सिंह के साथ ह्यूंडुंगरा गांव की दो और भनार टिक्टा गांव की एक महिला रिश्तेदार और कनौली गांव की एक महिला, ह्यूंडुंगरा (द्वारिका) की एक बच्ची सवार थी। हादसे में दरवान सिंह के साथ ही तीन महिलाओं को जान से हाथ धोना पड़ा।वहीं, बताया जा रहा है कि कनौली-रमाड़ी-शामा सड़क की दशा ठीक नहीं है। सड़क कई स्थानों पर कच्ची है। सड़क की हालत सुधारने की मांग इलाके के लोग लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन सड़क की दशा सुधारने के प्रति जिम्मेदार विभाग गंभीर नहीं है।