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• Mon, 17 May 2021 7:52 am IST


गुरु से ठनी तो हरिद्वार में बनवा रहे थे आनंद गिरी आश्रम


त आनंद गिरि को उनके भक्त योग गुरु नाम से जानते हैं। प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर की गद्दी संभालने वाले संत आनंद गिरि को संन्यास परंपरा के उल्लंघन में मंदिर एवं श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा से बाहर किया गया है। आनंद गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के शिष्य हैं। गुरु-शिष्य के बीच बीते कई महीनों से मनमुटाव था।

मूलरूप से राजस्थान भीलवाड़ा निवासी आनंद गिरि ने छोटी उम्र में ही संन्यास की दीक्षा ली और श्रीमहंत नरेंद्र गिरी को अपना गुरु बना लिया। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के चहेते शिष्य होने के कारण उनका देश-विदेश में आना जाना था। अपने भक्तों के बीच योग गुरु के रूप में पहचान बनाई।

प्रयागराज में लेटे हनुमान की गद्दी उनको मिल गई। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के करीबी होने के कारण यूपी पुलिस से उन्हें सुरक्षा मिली थी। आरोप है आनंद गिरि ने मंदिर के चढ़ावे को अपने निजी हितों में खर्च किया। इतना ही नहीं खुद को श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी होने का दुष्प्रचार किया। नरेंद्र गिरि को इसका खंडन करना पड़ा।