अपनी सादगी के लिए दुनियाभर में सम्मान पाने वाले तिब्बती गुरु दलाई लामा अहिंसा के प्रचारक हैं। आए दिन वो अहिंसा पर बातें और अपने विचार देते हैं।
वहीं इस बार उन्होंने एक लेख लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि, अगर भारत और चीन के लोग 'अहिंसा' और 'करुणा' के मार्ग पर चलेंगे तो पूरी दुनिया को फायदा होगा। दलाई लामा ने कहा कि, चीन ऐतिहासिक रूप से बौद्ध देश है और वह प्राचीन भारतीय ज्ञान के साथ अहिंसा और करुणा के आदर्शों का पालन करता है तो पूरी दुनिया को इससे फायदा होगा। दोनों देशों में डेढ़ अरब लोगों को भी इससे आंतरिक शांति मिलेगी।
दरअसल, मनोरमा इयर बुक 2023 में अपने विशेष लेख में तिब्बती बौद्ध धर्म के 87 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि, मैं वास्तव में महसूस करता हूं कि अहिंसा और करुणा के खजाने में निहित शांतिपूर्ण समझ की अपनी महान परंपरा के कारण भारत अग्रणी भूमिका निभा सकता है।