हाईकोर्ट ने पूछा, मछली बाजार से हटाए गए लोगों को कहां विस्थापित करेंगे
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने हल्द्वानी के मछली मार्केट में अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई बाद नगर निगम और सरकार से पूछा है कि अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित किया जा सकता है। अदालत ने छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मछली बाजार में सरकार की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। प्रशासन व नगर निगम ने अतिक्रमणकारियों को अवैध कब्जे हटाने के लिए 31 मार्च को नोटिस जारी किया था। यह भी कहा था कि जिनके पास वैध लाइसेंस हैं, उनको दिखाएं और अपना पक्ष रखें लेकिन वहां काबिज लोगों ने कोई सबूत पेश नहीं किया। इसलिए प्रशासन ने सरकारी भूमि से अतिक्रमण को हटा दिया।हल्द्वानी निवासी विजय पाल सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वे 1960 से उस स्थान पर मीट का कारोबार करते आए है। नगर निगम ने उन्हें मीट कारोबार के लिए इसका लाइसेंस भी दिया हुआ है। हल्द्वानी जब नगर पालिका थी उस समय नगर पालिका ने दो मीट मार्केट चोरगलिया व रामपुर रोड पर बनाई थी और उसका संचालन नगर पालिका करती थी। नगर निगम बनने से इस स्थान पर निगम ने पक्की दुकानें बनाकर अन्य को दे दीं। उसके बाद मीट कारोबारियों को यहां शिफ्ट कर दिया गया। तब से वे इस स्थान पर मीट का कारोबार करते आ रहे हैं।