सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद कुर्सी गंवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों चर्चा में है। अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में लिए गए फैसलों की खुलकर पैरवी कर रहे त्रिवेंद्र मंगलवार को देहरादून में अपना कार्यालय खोलने जा रहे हैं। इसे उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने की मुहिम के तौर पर देखा जा रहा है ।
गैरसैंण कमिश्नरी, देवस्थानम बोर्ड समेत त्रिवेंद्र सरकार के कुछ अन्य फैसलों में तीरथ सरकार द्वारा तब्दीली के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं। गैरसैंण कमिश्नरी के फैसले को कैबिनेट द्वारा स्थगित रखे जाने पर मुहर लगाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने सार्वजनिक रूप से अपने फैसले के पक्ष में कई तर्क रखे। साथ ही चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के बारे में अपनी सरकार का नजरिया रखा था।