गढ़वाल मंडल विकास निगम लिमिटेड व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के छठे दिन जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने साधकों को योग की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वयं की ओर लौटना व स्वयं से जुड़ने का नाम ही योग है। योग अपनी सत्ता व अपनी निजता से यथार्थ के प्रकाशन की विधा है।
आपको बता दे, बीते शनिवार को आयोजित महोत्सव में स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि जब व्यक्ति सत्य से परिचित हो जाता है तो तब मिथ्या चीजें मिट जाती हैं। आनंद और पूर्णता का बोध कराते हुए साधक को योग अनंत की अनुभूति दिलाता है। योग की सिद्धि अभ्यास से है और हम जो कुछ भी आज हैं, वह वर्षों के अभ्यास का परिणाम है।