कुरुक्षेत्र: हरियाणा में सूरजमुखी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर भाजपा-जजपा सरकार और किसान संगठन आमने-सामने हो गए हैं। किसानों ने कुरुक्षेत्र में सोमवार दोपहर दो बजे से जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर रखा है। उन्होंने हाईवे पर ही रात भी गुजारी।
अब संयुक्त किसान मोर्चा का हरियाणा सरकार को सुबह 10 बजे के अल्टीमेटम का समय खत्म हो गया है। किसानों ने कहा कि सूरजमुखी पर एमएसपी की घोषणा की जाए और किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी को रिहा करें। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बैठकर आगे का निर्णय लेंगे।
घातक हथियार लेकर चलने पर रोक, बोतल में नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर पूछा कि हरियाणा में सूरजमुखी के सबसे रेट अधिक हैं, फिर भी क्या राष्ट्रीय राजमार्ग रोकना जायज है? जिलाधिकारी शांतनु शर्मा ने कहा कि जिले में लाठी, डंडे, तलवार और गंडासा आदि किसी भी तरह के घातक हथियार लेकर चलने, पेट्रोल और डीजल के बोतल में बिक्री पर रोक लगा दी गई है। धारा 144 लागू है।
उधर, खट्टर सरकार ने कहा कि हरियाणा
में सूरजमुखी की फसल 38,414 एकड़ में है। भावांतर
योजना में 8,528 किसानों को प्रति
क्विंटल 1000 रुपये अंतरिम
राहत राशि दी जाती है। अब तक 29.13 करोड़ रुपये की राशि दे चुके हैं। हरियाणा में बाजार के दाम 4,900 और 1000 रुपये सरकार की
तरफ से यानी सूरजमुखी का
प्रति क्विंटल रेट 5,900 रुपये मिलता है।
उसके उलट कर्नाटक में 4,077, पंजाब में 4000, तमिलनाडु में 3,550 और गुजरात में 3,975 प्रति क्विंटल
रेट है। सरकार ने इसे सूरजमुखी की बिक्री की सच्चाई करार दिया है।