बागेश्वर-जिला पंचायत के नौ सदस्यों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक भौर्याल से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष को आंदोलन नौटंकी लगने लगी है। उनकी पार्टी भी पहले इस तरह की भूल कर चुकी है। इसी का कारण है कि बंगाल में उन्हें मुंह की खानी पड़ी। अब उत्तराखंड में भी लोकतांत्रिक देश में आंदोलनों को नौटंकी बताने वालों की विदाई तय है।