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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 22 Mar 2022 1:48 pm IST


भुगतान नहीं मिलने से फर्म नहीं दे रही निर्माण सामग्री


ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों की रफ्तार थमने लगी है। मनरेगा योजना में लगाई गई निर्माण सामग्री का भुगतान नहीं होने से पंजीकृत फर्म ग्राम पंचायतों को निर्माण सामग्री देने से कतरा रही है। प्रधान संगठन का कहना है कि ब्लाक से लेकर सीडीओ कार्यालय को लगातार समस्या से अवगत कराते आ रहे हैं, बावजूद दो साल से फर्मों को सामग्री का भुगतान नहीं किया जा रहा है।मनरेगा योजना में स्वीकृत प्रस्ताव के तहत गांव-गांव में पेयजल टैंक, सीसी मार्ग और बाढ़ सुरक्षा दीवार और कृषि बागवानी आदि कार्य कराए जाते हैं। प्रस्ताव के मुताबिक निर्माण कार्यों में जो सामग्री लगाई जाती है, उसके लिए ब्लाक में मनरेगा में पंजीकृत फर्मों से ही निर्माण सामग्री खरीदी जाती है। इसका भुगतान ब्लाक कार्यालय से अलग से किया जाता है। ब्लाक कार्यालय से श्रमिकों का आंशिक भुगतान तो किया गया है, लेकिन निर्माण सामग्री की सप्लाई देने वाली फर्मों को दो साल से भुगतान नहीं किया गया है। जिससे फार्म अब ग्राम पंचायतों को सामग्री देने से इनकार कर रहे हैं। प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा, प्रधान गबर सिंह नेगी, मुकेश रावत, मोहन डोभाल और विकास थपलियाल ने बताया कि मनरेगा में पंजीकृत फर्मों का अलग-अलग ग्राम पंचायतों पर करीब 20 करोड़ से अधिक का बकाया चल रहा है। फर्मों को पिछला भुगतान नहीं होने पर फर्मों ने सामग्री देने से मना कर रहे हैं, जिससे जिले के कई गांवों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो माह से मनरेगा श्रमिकों का पारिश्रमिक भी नहीं मिल पाया है। सीडीओ कार्यालय से लगातार भुगतान करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।