केदारनाथ धाम में रक्षा बंधन से पहले बुधवार रात्रि अन्नकूट मेला आयोजित किया गया। इस मौके पर यहां मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया। बड़ी संख्या में भक्त अन्नकूट मेले को लेकर केदारनाथ में मौजूद रहे। भगवान शिव को नए अनाज का भोग लगाया जाता है इसी परम्परा को अन्नकूट या स्थानीय भाषा में भतूज मेला कहा जाता है।बुधवार सायंकाल को पूजा आरती की गई जबकि इसके बाद मध्य रात्रि को ज्योर्तिलिंग को हक हकूक धारियों द्वारा पके चावलों के भोग से ढक दिया जाएगा। रात्रि को दो बजे से चार बजे सुबह तक श्रद्धालु दर्शन करेंगे। इसके बाद चावलों के भोग को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया जाएगा। मान्यता है कि भगवान शिव नए अनाजों से जहर को जनकल्याण के लिए स्वयं में समाहित कर देते है। बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पहले ही भतूज मेले को भव्य तरीके से मनाने और इसकी बेहतर तैयारियों के निर्देश दिए थे।