बीते दिनों संपन्न हुई आरबीआई की एमपीसी बैठक में नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखा गया था। यानी कर्ज लेना और उसकी ईएमआई भरना जस का तस बना हुआ है, लेकिन ये राहत अब ज्यादा दिन नहीं रहेगी। नोमुरा ने रिपोर्ट जारी कर कहा है कि जून महीने से कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। जिसके बाद उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले आठ अप्रैल 2022 को हुई बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। ये लगातार 11वीं बार था जब कि रेपो दरें यथावत रखी गईं। यहां बता दें कि ब्याज दरों में आखिरी बार बदलाव मई 2020 में किया गया था। तब से ये अपने एतिहासिक निचले स्तर पर बनी हुई हैं। अगली एमपीसी की बैठक जून में होने वाली है तो विशेषज्ञों ने महंगाई को बड़ा कारण बताते हुए कहा है कि ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है।