सेबी ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज, इसके बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर रवि वाराणसी, एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्णा और उनके सलाहकार सुब्रमण्यम आनंद समेत 18 संस्थाओं और इंडिविजुअल्स पर 44 करोड़ का जुर्माना ठोका है। सेबी की ओर से यह कार्रवाई चर्चित डार्क फाइबर केस में की गई है।
एनएसई और उसके अधिकारियों के अलावे सेबी ने जिन लोगों पर जुर्माना लगाया है उनमें स्टॉक ब्रोकर वे टू वेल्थ ब्रोकर, जीकेएन सिक्योरिटीज, संपर्क इंफोटेंनमेंट और उनके कई कर्मचारी शामिल हैं।
शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने एनएसई पर 7 करोड़, चित्रा रामकृष्णा, वाराणसी और सुब्रममण्यम आनंद पर 5-5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बाकी बची राशि का जुर्माना स्टॉक ब्रोकर कंपनियों पर लगाया गया है।
इनमें नागेन्द्र कुमार एसआरवीएस और देवी प्रसाद सिंह पर एक-एक करोड़ जुर्माना लगाया गया है। सेबी की ओर से वे टू वेल्थ ब्रोकर पर छह करोड़, जीकेएन सिक्योरिटीज पर पांच करोड़ और संपर्क इंफोटेनमेंट पर तीन करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
सेबी की ओर मंगलवार 28 जून को इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सभी से 45 दिनों के भीतर जुर्माना जमा करने को कहा गया है। आपको बता दें कि डॉर्क फाइबर केस में एनएसई के कुछ अधिकारियों पर स्टॉक ब्रोकरों से मिलकर गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं, सेबी ने जांच के बाद पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई की है।