दीपावली 24 अक्टूबर की है और इससे पहले 21 तारीख को लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु के लिए पूजा, व्रत-उपवास करने का शुभ योग बन रहा है। इस दिन कृष्ण पक्ष की एकादशी है, जिसे रमा एकादशी कहा जाता है। रमा महालक्ष्मी का ही एक नाम है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुक्रवार को ये तिथि होने से इस दिन लक्ष्मी-विष्णु के साथ ही शुक्र ग्रह के लिए भी विशेष पूजा-पाठ जरूर करनी चाहिए। शुक्र की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें इस एकादशी पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना चाहिए। दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इस व्रत में दिनभर निराहार रहना होता है। दिनभर भगवान के नामों का और मंत्रों का जप करना चाहिए। अगर भक्त चाहें तो फलाहार कर सकते हैं। सुबह-शाम और अगले दिन यानी द्वादशी पर भी विष्णु पूजन करना चाहिए। द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए। इस तरह ये व्रत पूरा होता है।
ऐसे करें लक्ष्मी-विष्णु का अभिषेक
एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाकर दिन की शुरुआत करें। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। इसके बाद घर के मंदिर में पूजा करें। सबसे पहले गणेश पूजा करें। इसके बाद लक्ष्मी-विष्णु जी प्रतिमाओं को जल से स्नान कराएं। तत्पश्चात केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर वाला दूध भरें और भगवान को अर्पित करें। दूध के बाद स्वच्छ जल अर्पित करें। इस दौरान ऊँ नमो नारायण मंत्र का जप करते रहना चाहिए। भगवान का फूलों से श्रृंगार करें और उन्हें लाल-पीले चमकीले वस्त्र और आभूषण पहनाएं। चंदन से तिलक लगाएं। चावल, कुमकुम, हार-फूल, इत्र आदि चीजें चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के बाद भगवान से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
शुक्र ग्रह से जुड़ी खास बातें
ज्योतिष में शुक्रवार का कारक ग्रह शुक्र को माना गया है। इस दिन शुक्र ग्रह के लिए किए गए पूजा-पाठ से कुंडली के शुक्र ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। शुक्र को असुरों का गुरु माना जाता है। वामन अवतार के समय उन्होंने असुरों के राजा बलि को वामन देव को दान देने से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। ये ग्रह वृष और तुला राशि का स्वामी है। कुंडली में इस ग्रह की स्थिति का सीधा असर वैवाहिक जीवन पर होता है। अगर ये ग्रह अच्छी स्थिति में नहीं है तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शुक्र के लिए शुक्रवार को दूध का दान करना चाहिए। सफेद वस्त्रों का दान करें। शिव पूजा करें। ऐसा करने से कुंडली के शुक्र ग्रह से संबंधित दोष दूर हो सकते हैं।