दिवाली पर लापरवाही से और खतरनाक आतिशबाजी की चपेट में आने से 200 से अधिक लोग झुलस गए। ये लोग अस्पताल पहुंचे और इलाज कराया। डाक्टरों के मुताबिक, ज्यादातर मरीज अनार बम से झुलसे थे। इसके अलावा मारपीट, रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट और ऊंचाई से गिरने वाले मरीज भी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचे। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि 24 घंटे के भीतर अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की खासी भीड़ रही। इनमें से ज्यादातर मरीज पटाखे और रॉकेटों से झुलसने वाले शामिल रहे, जबकि मारपीट में घायल मरीज भी इमरजेंसी में पहुंचे। झुलसने वाले जो मरीज गंभीर थे उन्हें राजकीय जिला अस्पताल की बर्न यूनिट में भेजा गया। इसके अलावा दिवाली से बढ़े प्रदूषण का असर मंगलवार को सांस रोग, नेत्र रोग और त्वचा रोग विभाग की ओपीडी में भी देखने को मिला। कुछ ऐसे मरीज भी थे, जिनके आंखों की पुतली में पटाखे और रॉकेट जैसी आतिशबाजी का बारूद घुसने से दिक्कत हुई।