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• Tue, 9 Feb 2021 6:31 pm IST


'चेहरा' एक लघु कथा


2018 में न्यू जर्सी में रहने वाले 22 साल के जो डिमियो का एक रोड एक्सीडेंट हुआ था. डिमियो नाइट शिफ्ट करने के बाद कंपनी से घर जा रहा था. कार चलाते समय उसे नींद आ गई और उसकी कार एक पोल से टकराकर पलट गई. कार में भयंकर आग लग गई. हालांकि, आसपास के लोगों ने किसी तरह डिमियो को कार से खींचकर बाहर निकाल लिया.



इस घटना में डिमियो पूरी तरह झुलस गया था. डिमियो कई महीनों तक कोमा में रहा और उसकी 20 सर्जरी और कई तरह के स्किन ट्रीटमेंट किए गए. इसके बाद भी वो कुछ देख पाने और अपने हाथों का इस्तेमाल करने में असमर्थ था. 2019 में डिमियो की मेडिकल टीम ने एक जोखिम भरा ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया.


डॉक्टरों ने इसके लिए डोनर की खोज शुरू कर दी. डॉक्टरों को ऐसे पुरुष डोनर की तलाश थी जिसकी स्किन टोन और हाथ डिमियो से मेल खाते हों. डॉक्टरों को सिर्फ 6 फीसदी तक इसकी उम्मीद थी. डॉक्टर डोनर की खोज में ही थे कि तब तक कोरोना महामारी आ गई.


अगस्त के महीने में आखिरकार डॉक्टर्स को सही डोनर मिल गया और उन्होंने COVID-19 वार्ड में ही ट्रांसप्लांट यूनिट तैयार किया. उन्होंने डिमियो के दोनों बाजुओं और नसों कों पतले-पतले टांको से जोड़ा. डॉक्टरों ने डिमियो के पूरे चेहरे को भी ट्रांसप्लांट कर दिया.

नवंबर में अस्पताल छोड़ने के बाद से डिमियो एक रिहैबिलिटेशन सेंटर में रह रहा है जहां वो रोज फिजिकल और स्पीच थेरेपी लेता. हाल ही में अपने सेशन के दौरान उसने भौंहों को ऊपर उठाने, आंखें खोलने-बंद करने, मुंह को पकड़ने, अंगूठे को ऊपर उठाने और सीटी बजाने का अभ्यास किया.

डिमियो ने कहा, 'जीवन में नया मौका मिलने पर आप हार नहीं मान सकते हैं. मुझे पता है ये मेरे लिए बेबी स्टेप होगा. मुझे बहुत प्रेरणा मिली है और मुझमें बहुत धैर्य है. मैंने हर चीज का मजबूती से सामना किया.