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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 30 Oct 2022 11:00 pm IST

नेशनल

महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर उम्र सीमा मामले में केंद्र सरकार को SC का नोटिस...


सुप्रीम कोर्ट ने प्री-प्रेग्नेंसी या डाइग्नोस्टिक टेस्ट करने के लिए महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर 35 साल की उम्र प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। 

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने वकील मीरा कौरा पटेल की याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। दरअसल, याचिका में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक यानि लिंग चयन निषेध अधिनियम, 1994 की धारा 4(3)(i) में 35 साल की आयु सीमा महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर प्रतिबंध का हवाला दिया गया है। अधिनियम में कहा गया है कि, गर्भवती महिला की आयु 35 वर्ष से अधिक न होने पर, प्रसव पूर्व निदान तकनीक का उपयोग या संचालन नहीं किया जाएगा। 

वहीं महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण फैसले में, शीर्ष अदालत ने पहले माना था कि सभी महिलाएं गर्भावस्था के 24 हफ्ते तक सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं, और वैवाहिक स्थिति के आधार पर कोई भेद करना सांविधानिक रूप से अस्थिर है।