करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा। सुहागिनों के लिए करवा चौथ सभी व्रतों में अधिक महत्व रखता है। अपने सुहाग की रक्षा, दीर्घायु और खुशहाली के लिए महिलाएं सुबह से लेकर रात चांद निकलने तक अन्न, जल का त्याग कर करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले ही व्रत प्रारंभ कर देती हैं और रात को चंद्र दर्शन और चंद्र पूजा के बाद ही व्रत खोलती हैं। इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है। यूं तो करवा चौथ का यह व्रत विवाह के बाद लगातार 12 या 16 वर्षों तक रखना अनिवार्य होता है। हालांकि, यदि आप चाहें तो इसे आजीवन भी रख सकती हैं। पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ सबसे श्रेष्ठ उपवास बताया गया है। करवा चौथ का शुभ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। मान्यता है कि जो कोई भी सुहागिन स्त्री इस व्रत को करती है उनके पति की उम्र लंबी होती है, उनका गृहस्थ जीवन सुखद होता है और साथ ही उनके पति को स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं भी करवा चौथ के व्रत को करती हैं जिससे उन्हें सुयोग्य या मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
जानें प्रमुख शहरों में कितने बजे निकलेगा चांद
मुंबई 08:51 बजे, दिल्ली 08:12 बजे, बेंगलुरु 08:40 बजे, कोलकाता 07:39 बजे, आगरा 08:11 बजे, लखनऊ 08:02 बजे, गोरखपुर 08:00 बजे, मथुरा 08:12 बजे, बरेली 08:03 बजे, देहरादून 08:04 बजे, अयोध्या 07:55 बजे, कानपुर 08:04 बजे, वाराणसी 07:55 बजे।
कुंवारी लड़कियां ऐसे करें करवा चौथ
यदि आप कुंवारी हैं और करवा चौथ का व्रत कर रही हैं तो आपको केवल चौथ माता, भगवान शिव, मां पार्वती की पूजा करके उनकी कथा सुननी चाहिए। कुंवारी कन्याओं को चंद्रमा देखकर व्रत तोड़ने की आवश्यकता नहीं होती है। आप तारों को देख कर भी अपना व्रत पूरा कर सकती हैं।
करवा चौथ के लिए महत्वपूर्ण सामग्री
अंतिम समय में आप से पूजा के लिए कोई भी आवश्यक सामग्री न छूट जाए इसलिए आइए समय से पहले ही जान लेते हैं कि करवा चौथ की पूजा में आपको किन-किन जरूरी और आवश्यक सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी। करवा चौथ की थाली, पांच तरह के मेवे, घर के बने पकवान, सुहाग का सामान, छलनी, मिट्टी का बर्तन और ढक्कन, गंगाजल, कुमकुम, चंदन, फूल और रोली, सुहाग का समान, कच्चा दूध, शुद्ध घी, चुनरी, पीली मिट्टी (जिससे गौरा माता बनाई जाएंगी) हलवा और खीर।