कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। इसमें रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। साथ ही मल्टीपल एंट्री और एग्जिट प्वाइंट का विकल्प भी रखा गया है। इससे विद्यार्थी एक साथ दो संकायों के विषयों की पढ़ाई कर सकता है और तीन साल की डिग्री की बाध्यता भी नहीं है।
कुलपति प्रो. जोशी बृहस्पतिवार को एमबीपीजी कॉलेज में नई शिक्षा नीति पर आधारित राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं को समझाया। इसमें प्रवेश और विभिन्न विषयों को चुनने की प्रक्रिया बताई। कहा कि नई शिक्षा नीति का सिलेबस कुमाऊं विश्वविद्यालय के पोर्टल पर डाल दिया गया है। इस बार यूजी की कक्षाओं में विज्ञान, वाणिज्य, कला, भाषा में प्रवेश होंगे।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कुमाऊं विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति के संयोजक एवं निदेशक डीआईसी प्रो. संजय पंत ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा प्रणाली और मूल्यांकन पूर्व की भांति रहेगी। उन्होंने उपस्थित प्रवेश एवं परीक्षा समिति के प्रभारियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. जोशी, विशिष्ट अतिथि निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. संदीप कुमार, अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्या, प्राचार्य प्रो.एनएस बनकोटी, डीआईसी निदेशक प्रो. संजय पंत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला का आयोजन कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल और एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी की ओर से किया गया।