पलक मुच्छल एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक तथ्य
-पलक मुच्छल का जन्म 30 मार्च 1992 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम राजकुमार मुच्छल है, जोकि एक संस्था में अकाउंटेंट हैं। उनकी माँ का नाम अमिता मुच्छल है। उनका एक छोटा भाई है-पलाश मुच्छल। पलक को संगीत का शौक बचपन से ही था। उन्होंने महज चार वर्ष की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था।
-पलक ने अपने हिंदी फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 2011 में फिल्म दमादम से की। उसके बाद उन्होंने "ना जाने कबसे", "एक था टाइगर", "फ्रॉम सिडनी विथ लव","आशिकी 2" और बंगाली फिल्म रॉकी के लिए गाने गाये। परन्तु पलक को हिंदी सिनेमा में कामयाबी फिल्म "एक था टाइगर" और "आशिकी 2" से मिली।
-पलक बचपन से समाजिक क्रियाकलाप में सक्रिय हैं। जब वह महज पांच साल की थीं, तभी से वह इससे जुड़ी हुई हैं। वह बचपन से ही गरीबों की मदद करती चली आ रही हैं। साल 1999 में जब कारगिल की लड़ाई छिड़ी थी, तब उन्होंने शहीदों के परिवारों के लिए दुकानों और गली के नुक्कड़ों पर गाना गाकर चंदा इकट्ठा किया। पलक अपनी गायकी का सार्वजानिक प्रदर्शन कर चंदा इकट्ठा कर गरीब बच्चों की सहायता करती थीं।
-उसके बाद वह अपने भाई पलाश के साथ विदेशों में स्टेज शो करने लगीं, उन स्टेज शो से वह जो भी पैसा कमाती हैं, उसे गरीब बच्चों को दान करती हैं। उन्होने अपनी प्रदर्शनी का नाम "दिल से दिल तक" रखा है। पलक अपनी प्रदर्शनी मे औसतन 40 गाने गाती हैं जिनमे हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गाने, भजन तथा गज़लें शामिल होती हैं।
-2009 तक पलक ने कुल 1.71 करोड़ रुपये कि राशि इकट्ठा की थी जिससे 338 बच्चों की जान बचायी जा सकी। इस सामाजिक संगठन के पैसों से पलक या उनके परिवारवालों को कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं होता। लाभार्थी बच्चों से पलक प्रतीक के रुप मे एक गुडि़या स्वीकार करती हैं।