रुद्रप्रयाग-पंच केदार में द्वितीय मद्महेश्वर धाम पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन से हल्की बारिश में पानी और मिट्टी मंदिर परिसर तक पहुंच रही है जिससे जानमाल के नुकसान का खतरा बना हुआ है। पिछले साल जुलाई में यहां मंदिर परिसर में कई फुट पानी और मलबा भर गया था। इसके बावजूद अब तक मंदिर की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना नहीं बन पाई है। मद्महेश्वर धाम ढलान वाली पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। पहाड़ी से बारिश का पानी सीधे मंदिर क्षेत्र तक पहुंचता है जिससे जलभराव की स्थिति बनी रहती है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से इस पहाड़ी क्षेत्र में कई स्थानों पर जलमोड़ नाली बनाई गई है लेकिन नियमित देखरेख व संसाधनों के अभाव में ये क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे पानी सीधे मंदिर परिसर तक पहुंच रहा है। पानी के तेज बहाव से बुग्याली क्षेत्र से मिट्टी भी बह रही है जिससे पर्यावरण को भी खतरा हो रहा है। पिछले साल 19 जुलाई की रात तेज बारिश से पहाड़ी से पानी और भारी मलबा मंदिर परिसर में जमा हो गया था। मंदिर के पुजारी समेत अन्य लोगों ने भागकर जान बचाई थी। बारिश के सीजन में कई बार यह समस्या हुई। इस दौरान केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से त्वरित कार्रवाई की मांग की थी लेकिन अब तक मंदिर की मंदिर की सुरक्षा तो दूर कार्ययोजना तक नहीं बन पाई है।