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• Sat, 23 Dec 2023 11:46 am IST


गरीब होना जुर्म है!


कल ही इडली खाई थी, लेकिन नाश्ते में फिर चाय के साथ इडली खाने का मन हो गया। पैक करवा कर लाओ तो गर्म सांभर पॉलिथिन में मिलता है। खाना टॉक्सिक हो जाता है, इसलिए स्टील का टिफिन उठाया और इडली लेने पहुंचा। अन्ना ने दो इडली, सफेद और लाल चटनी डालकर ढक्कन बंद किया ही था कि काले लिबास में एक औरत ने कोहनी थपथपाई।

बेचारगी ओढे इस चेहरे ने कहा : भूख लगी है, पैसे मत दो, कुछ खिला दो। सुनकर कुछ सेकंड तक मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फिर अन्ना से कहा, इसे इडली खिला दो। अन्ना ने कागज में दो इडली लपेटी और उसकी तरफ बढ़ा दी। मैंने कहा, सांभर चटनी के साथ दो न। इस पर उसने पन्नी में सांभर पैक कर दिया। मैंने फिर टोका: उसे खानी है, प्लेट में दे दो। इस पर अन्ना ठिठके। इनको पार्सल ही देते हैं सर। क्यों? प्लेट में क्यों नहीं? अन्ना ने कहा : प्लेट में नहीं देते इनको। रोज आठ-दस आते हैं। पार्सल ही देते हैं।

अब ठिठकने की बारी मेरी थी। मेरे दो बार कहने पर भी जब उसने प्लेट में नहीं दिया तो मैंने कहा : वह बर्तन में ही खाएगी। मैंने टिफिन उसे दिया और कहा: आप इसमें खाओ। महिला झिझक गई : नहीं-नहीं। मैंने कहा : आप यहीं, इसी में खाओगी। एक चम्मच उठाकर मैंने टिफिन में रखी और उसके हाथ में रख दिया। वह कुछ दूर जमीन पर बैठकर खाने लगी। कोई और ग्राहक वहां नहीं था। मैंने अन्ना से कहा कि वह भी इंसान है। तो अन्ना ने कोई तार्किक जवाब नहीं देते हुए बात दोहराई : इनको प्लेट में देंगे तो बाकी ग्राहक देखेंगे। मैंने कहा : क्या अन्ना, मुंबई में हैं हम। क्या बात कर रहे हो आप। ऐसा नहीं कर सकते हैं। आज भी कोई ऐसे सोचता है क्या? अन्ना के साथी मुझे देख रहे थे। अन्ना बहस नहीं करना चाहते थे। मैंने पूछा : ये खुद पैसे देकर इडली लेंगे, तब भी आप प्लेट में नहीं दोगे? अन्ना ने कहा : सर, इनको पार्सल ही देते हैं। वह बहस के मूड में नहीं थे। मैं दो चार वाक्य बोल चुका था। तब अन्ना बोले, आपका पार्सल कर दूं फिर? मैंने कहा, क्यों? वह खा ले, फिर मैं टिफिन धोकर उसी में लेकर जाऊंगा। महिला ने खाकर टिफिन धोना चाहा तो मैंने टिफिन हाथ से ले लिया और कहा : मैं खुद धो लूंगा। आप जाइए। महिला कुछ दुआ टाइप बोलते हुए चली गई।

तभी एक अंकल आए और बोले : क्या हुआ? मैंने कहा: अंकल, उसको प्लेट में खाने का हक नहीं है क्या? अंकल ने कहा : क्यों नहीं। इनको देना चाहिए। अन्ना चुप थे। मैं भी अब चुपचाप टिफिन में इडली लेकर आ गया। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब सच में हुआ।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स