भारतीय शेयर बाजारों से सबसे अधिक विदेशी निकासी की जा सकती है. जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की हवा निकाल दी है. इससे आर्थिक रिकवरी की रफ्तार धीमी हो गई है. 23 अप्रैल तक विदेशी निवेशकों ने $1.1 अरब के शेयरों की बिकवाली की है, जो मार्च 2020 के बाद सबसे अधकि है. मार्च 2020 में पूरे भारत में लॉकडाउन लगा था ताकि इस महामारी पर काबू पाया जा सके.
भारत में कोरोना के कुल मामले 1.75 करोड़ के पार निकल चुके हैं, जो दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे अधकि हैं.
यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी की सीईओ जी प्रदीपकुमार ने कहा, "विदेशी निवेशकों को निकट भविष्य में कोरोना के आर्थिक रिकवरी और कंपनियों कमाई पर असर की चिंता सता रही है. बीते एक साल में बाजारों में काफी अधिक तेजी आ चुकी है और वे अपने पास कुछ पैसा रकना चाहते हैं."