केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से व्यावसायिकता में सुधार करने के साथ ही खर्च कम करने और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के साथ काम करने पर विचार करने की सलाह दी है। आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीतारमण ने यह बात कही है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के राष्ट्र-निर्माण में योगदान पर एक मेगा प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद गांधीनगर के महात्मा मंदिर में विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के प्रमुखों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अब सार्वजनिक उपक्रमों के लिए यह दिखाने का समय आ गया है कि आप अपने व्यावसायिकता में सुधार करने के लिए बहुत उत्सुक हैं जितना आपने 1991 और अब तक के बीच किया है।
वित्त मंत्री ने 2021 में घोषित नई पीएसई नीति का जिक्र करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को उन निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा के बारे में पता होना चाहिए, जिनके लिए सरकार ने रणनीतिक क्षेत्र खोले हैं। 1991 के बाद पीएसई ने निजी क्षेत्र की संस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करना शुरू कर दिया था। सीतारमण ने 1991 में देश में पेश किए गए आर्थिक सुधारों को गेम-चेंजर करार दिया। बता दें कि 10 जून से खुलने वाली 'राष्ट्र निर्माण और सीपीएसई' शीर्षक वाली प्रदर्शनी में कोल इंडिया, गेल इंडिया, एनटीपीसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी लगभग 75 केंद्र सरकार की कंपनियों के स्टॉल हैं।