देश में कोयला से गैस ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 6,000 करोड़ रुपये की योजना लाने पर विचार कर रही है। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह प्रौद्योगिकी अपनाने से कोयला क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। प्राकृतिक गैस, मेथनॉल व अन्य जरूरी उत्पादों के आयात पर निर्भरता घटेगी। मंत्रालय ने कहा, कोयला/लिग्नाइट से गैस ईंधन बनाने की योजना के लिए इकाइयों का चयन पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक नीलामी प्रक्रिया से होगा। योजना के दो खंड हैं।
पहले खंड में सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सहयोग देगी। दूसरे खंड में निजी क्षेत्र और सरकारी उपक्रम दोनों शामिल होंगे। इस खंड के तहत कम-से-कम एक परियोजना का चयन शुल्क-आधारित बोली प्रक्रिया से होगा। इसके मानदंड तय करने के लिए नीति आयोग से परामर्श लिए जाएंगे। 2029-30 तक कोयला से 10 करोड़ टन गैस बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
रुपये में कारोबार से जुड़े मुद्दों के लिए निर्देश जल्द
अन्य देशों के साथ रुपये में व्यापार के दौरान निर्यातकों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए आरबीआई दो-तीन दिन में बैंकों को निर्देश जारी करेगा। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कुछ निर्यातकों ने वाणिज्य मंत्रालय को बताया कि ई-बीआरसी (इलेक्ट्रॉनिक बैंक प्राप्ति प्रमाणपत्र) जारी करने में कुछ समस्या आ रही है। हमने इसे आरबीआई के समक्ष उठाया है। उसने सभी बैंकों के लिए विस्तृत एसओपी बनाई है।