देश के श्रम कानूनों में सरकार बदलाव करने जा रही है। खबरों के मुताबिक मोदी सरकार एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू कर सकती है। हालांकि, इस बारे में अब तक सरकार की ओर से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। अक्सर जब नए कानून लागू होते हैं तो कम से कम 15 दिनों पहले सरकार की ओर से उससे जुड़ी जानकारी सामने आ ही जाती है। पर, नए लेबर कोड के मामले में अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
नए लेबर कोड्स को श्रम कानूनों में बड़े सुधार के तौर पर देखा जा रहा है। खबरें यह भी हैं कि नए लेबर कोड में सरकार एक बार फिर सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।
अगर नौकरीपेशा लोगों के लिए 1 जुलाई से नया लेबर कोड लागू होता है तो वर्तमान में चल रहे कई नियम बदल जाएंगे। आईए डालते हैं उन 6 चीजों पर नजर जो नए लेबर कोड्स के अमल में आने के बाद देखने को मिलेंगी-
1. रिटायरमेंट के बाद मोटी रकम मिलेगी
एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू होने के बाद कर्मियों की पीएफ और ग्रेच्युटी में अधिक राशि जमा होने लगेगी इससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें मोटी रकम मिल सकेगी। वहीं ग्रॉस सैलरी में भत्ते कम हो जाएंगे। नए लेबर कोड में बेसिक सैलरी और भत्ते 50-50 के अनुपात में होंगे।
2. हफ्ते में तीन छुट्टियां
कंपनियों को सप्ताहिक छुट्टियों को बढ़ाकर दो से तीन दिन करना पड़ सकता है। दरअसल नए लेबर कोड में सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम लेने का ही प्रावधान किया जा सकता है।
3. आठ नहीं 12 घंटे करना होगा काम
नया लेबर कोड लागू होने के बाद काम के घंटे बढ़ने वाले हैं। अगर हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी होगी तो जाहिर है बचे चार दिनों में काम के घंटे 8 से बढ़कर कम से कम 12 घंटे हो जाएंगे।
4. दो दिन में फुल एंड फाइनल सेटलमेंट
नए लेबर कोड के लागू होने पर नौकरी छोड़ने पर दो दिनों में कंपनियों को कर्मचारियों का फूल सेटलमेंट करना पड़ेगा। नौकरी छोड़ने के दो दिनों के भीतर ही कर्मी को पूरा पैसा भी मिल जाएगा। वर्तमान में इस प्रक्रिया में 30 से 60 दिनों का वक्त लगता है।
5. खाते में आने वाली सैलरी घट जाएगी
नए लेबर कोड के लागू होने से जहां एक ओर बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी में कर्मी का योगदान बढ़ जाएगा, वहीं दूसरी ओर उसकी इन हैंड सैलरी या टेक होम सैलरी घट जाएगी। क्योंकि, कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में कटौती हो जाएगी।
6. गिग वर्कर्स को मिल सकती है सामाजिक सुरक्षा
नए लेबर कोड में चार तरह के प्रावधान हैं इनमें मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, व्यापारिक संबंध और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी से जुड़े प्रावधान हैं। इनके लागू होने से वर्तमान श्रम कानून की विसंगतियां दूर होंगी। इससे श्रमिकों को फायदा मिलेगा। गिग वर्कर्स को मिलने वाले फायदे भी बढ़ सकते हैं।