नैनीताल- प्रदेश में कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार ने हर तरह के जतन किए। एंटीजन से लेकर ट्रू नेट जांच से कोरोना संक्रमितों का पता लगाया। मई में रैपिड और आरटीपीसीआर से कुल 70 हजार जांचें की गईं। इस सबके बीच चौंकाने वाली बात यह रही कि एंटीजन जांच का पॉजिटिविटी रेट आरटीपीसीआर से तीन गुना कम रहा। लोगों ने भी लक्षण आने पर आरटीपीसीआर जांच को ही तवज्जो दी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से यह बात सामने आई है।
प्रदेश में दस अप्रैल से कोविड के केसों में अप्रत्याशित वृद्धि होने लगी। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए पिछले एक महीने में नैनीताल जिले में 22237 लोगों की एंटीजन रैपिड किट से जांच की गई और 2410 पॉजिटिव (10.5 फीसदी) केस आए, जबकि 47570 लोगों की आरटीपीसीआर से जांच की गई और 15208 पॉजिटिव केस (32 फीसदी) आए। नैनीताल में कोविड के केस अधिक आने के बावजूद आरटीपसीआर सैंपल लेने पर ज्यादा फोकस नहीं किया गया, जबकि पड़ोसी जिले ऊधमसिंह नगर में 96627 आरटीपीसीआर जांचें हुईं और 19502 पॉजिटिव केस आए। एंटीजन से 45432 जांचें हुईं और 1278 पॉजिटिव आए।