अगहन महीना शुरू हो चुका है। इस साल अगहन महीने में 5 गुरुवार पड़ेंगे। इस महीने के हर गुरुवार को लक्ष्मी जी की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस महीने के देवता भगवान विष्णु है। इसलिए दामोदर नाम से श्रीकृष्ण की पूजा भी की जाती है। स्कंद पुराण में भी इसका जिक्र है कि गुरुवार को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। साथ ही जाने-अनजाने में हुई गलती और पाप खत्म हो जाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार अगहन महीने के दौरान पांच गुरुवार आएंगे। इनमें पहला 10 नवंबर को, दूसरा 17, तीसरा 24 नवंबर को रहेगा। वहीं, चौथा 1 दिसंबर को और 8 दिसंबर को पांचवें गुरुवार पर मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ महीना खत्म हो जाएगा। इस महीने जरूरतमंद लोगों की मदद और उन्हें गर्म कपड़े, खाने की चीजें और पूजन सामग्री दान करना लाभकारी रहेगा।
अगहन माह के गुरुवार की मान्यता
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, अगहन को महालक्ष्मी का महीना माना गया है। इस महीने के गुरुवार को धन की देवी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है। माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी घर आती हैं। इसलिए घर के दरवाजे से पूजा कमरे तक रंगोली सजाने की भी परंपरा है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा भी विशेष फलदायी मानी गई है। परंपराओं के मुताबिक माना जाता है कि गुरुवार को लक्ष्मी ऐसे भक्त के यहां आती हैं, जिनके घर में सफाई, सजावट और मन, वचन, कर्म से पूरी सात्विकता रहती है। यही वजह है कि महिलाएं एक दिन पहले ही घर-द्वार को रंगोली से सजा कर मां पूजा स्थल तक देवी के पग चिन्ह बना कर गुरुवार को सुबह जल्दी उनका आह्वान करते हैं। सुबह, दोपहर व शाम तीनों समय उन्हें भोग अर्पित कराते हुए पूजा-अर्चना की जाती है।
लक्ष्मीजी के साथ विष्णु पूजा की भी परंपरा
ज्योतिषियों के मुताबिक अगहन 8 दिसंबर तक चलेगा। हिंदू पंचांग और पुराणों में इस महीने को सबसे अच्छा और सभी कामों को सिद्ध करने वाला बताया है। मार्गशीर्ष मास के दौरान पड़ने वाले गुरुवार का बहुत महत्व होता है। पुराण कहते हैं कि इस महीने के हर गुरुवार को भगवान विष्णु की विशेष पूजा करें तो शादी से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं। शादीशुदा जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं। धनागमन सुनिश्चित होता है और पारिवारिक समस्याएं खत्म होने लगती हैं।