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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 21 Sep 2021 6:34 pm IST

जन-समस्या

गुलदार लोगों का पी रहे हैं खून और सरकार मुआवजे तक है सीमित


उत्तराखंड के जंगलों में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप और गुलदारों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि से मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ गया है। साल दर साल मनुष्य पर गुलदार के हमले और मौत का ग्राफ बढ़ रहा है। बावजूद इसके सरकार इंसानों का खून पी रहे गुलदारों से लोगों को बचाने के लिए असहाय बनीं है। आबादी के ईद-गिर्द चप्पे-चप्पे पर गुलदार मौत बनकर लोगों की जान ले रहे हैं और सरकार महज मुआवजा देने तक सीमित रह गई है। प्रदेश के सभी जिलों में बीते कुछ समय से गुलदार मनुष्यों के लिए मुसीबत बन गया है। विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए। रात के अंधेरे में गुलदार दबे पैर से लोगों के करीब पहुंचकर उन्हें मौत के घाट उतार रहा है। कुमाऊं हो या फिर गढ़वाल सभी लोग गुलदार की दहशत में हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य भर में इस वर्ष 15 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि 25 से अधिक लोग गुलदार के हमले में घायल हुए हैं। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद सरकार कोई सबक नहीं ले रही है और न ही लोगों की जान बचाने को कोई उपाय खोज रही है।