नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 101वें एपिसोड में युवा संगम, जल संरक्षण, देश के म्यूजियम और सावरकर की जयंति पर आधे घंटे बात की। उन्होंने कहा कि युवा संगम में युवा दूसरे राज्यों के शहरों और गांवों में जाते हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लोगों के साथ मिलने का मौका मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में स्वाधीनता संग्राम में
आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। इसके
अलावा उन्होंने सावरकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि वीर सावरकर का निडर
और स्वाभिमानी स्वभाव कभी गुलामी की मानसिकता को बर्दाश्त नहीं कर सका।
युवा संगम पर बात
पीएम मोदी ने कहा कि बीते दिनों 100वें एपिसोड में हमने काशी-तमिल
संगमम और सौराष्ट्र-तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी-तेलुगु
संगमम भी हुआ। देश में ऐसा ही एक अनूठा प्रयास युवा संगम है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में देखने के
लिए बहुत कुछ है। इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने युवा संगम नाम से एक
बेहतरीन पहल की है। युवा संगम में युवा दूसरे राज्यों के शहरों और गांवों में जाते
हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लोगों के साथ मिलने का मौका मिलता
है।
उन्होंने कहा कि युवा संगम के पहले राउंड में करीब 1200
युवा, देश के 22 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। जो भी युवा युवा संगम
का हिस्सा बने हैं, वे अपने साथ ऐसी यादें लेकर वापस लौट रहे हैं, जो जीवनभर उनके
ह्रदय में बसी रहेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर अरुणाचल के ग्यामर न्योकुम और
बिहार के सासाराम की विशाखा से बात कर युवा संगम के अनुभव जाने।
म्यूजियम के जरिए संजो कर रखेंगे देश के इतिहास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं कुछ दिन पहले ही जापान
में हिरोशिमा में था। वहां मुझे हीरोशिमा पीस मेमोरियल म्यूजियम में जाने का अवसर
मिला, जो एक भावुक कर देने वाला अनुभव था। हम
जब इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता
है। कई बार म्यूजियम में हमें नए सबक मिलते हैं तो कई बार हमें बहुत कुछ सीखने को
मिलता है। कुछ दिन पहले ही भारत में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो का भी आयोजन
किया था। इसमें दुनिया के 1200 से अधिक म्यूजियम की विशेषताओं को दर्शाया गया। हमारे
यहां भारत में अलग-अलग प्रकार के ऐसे कई म्यूजियम हैं, जो हमारे अतीत
से जुड़े अनेक पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए
तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी
भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। पहली बार देश में
सभी म्यूजियम के बारे में जरूरी जानकारियों को कंपाइल भी किया गया है। मेरा आपसे
आग्रह है कि आपको जब भी मौका मिले, अपने देश के इन
म्यूजियम को देखने जरूर जाएं।
सावरकर त्याग, साहस और संकल्प
के प्रतीक
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, आज (28 मई) महान
स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी की जयंती है। उनके त्याग, साहस और
संकल्प-शक्ति से जुड़ी गाथाएं आज भी हम सबको प्रेरित करती हैं। वीर सावरकर का
व्यक्तित्व दृढ़ता और विशालता से समाहित था। उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वाभाव
को गुलामी की मानसिकता बिल्कुल भी रास नहीं आती थी। उन्होंने कहा कि चार जून
को संत कबीरदास जी की भी जयंती है। कबीरदास जी ने जो मार्ग हमें दिखाया है, वो आज भी उतना
ही प्रासंगिक है। पीएम ने एक्टर और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी
रामाराव की 100वीं जयंति पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जल संरक्षण और विश्व योग दिवस
पर भी बात
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सबने एक कहावत
कई बार सुनी होगी। बार-बार सुनी होगी। बिन पानी सब सून। बिना पानी जीवन पर संकट तो
रहता ही है, व्यक्ति और देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है। ये जल
संरक्षण की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए आज देश
के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा
प्रधानमंत्री ने 21 जून को होने वाले ‘वर्ल्ड योगा डे’ की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आपको मौसम की हर
परिस्थिति में अपनी सेहत का ध्यान रखना है। वर्ल्ड योगा डे की भी देश-विदेश में तैयारियां
चल रही हैं। आप इन तैयारियों के बारे में भी अपने ‘मन की बात’ मुझे लिखते
रहिए। किसी और विषय पर कोई और जानकारी अगर आपको मिले तो वो भी मुझे बताइयेगा।