उधमसिंह नगर-महाभारत कालीन पवित्र तीर्थ द्रोण सागर रखरखाव के अभाव में महज एक घास का मैदान बन कर रह गया है। सागर की देखभाल की जिम्मेदारी प्रशासन के पास है लेकिन प्रशासन ने भी इस सागर की देखभाल के लिए अपनी आंखें बंद कर रखी है। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी पुस्तक में इसका महत्व बताया है।