लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से बड़ी पहल की जा रही है। राज्य में मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर 50 बेड और 200 बेड के अस्पताल भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर खोले जा सकेंगे। इसके लिए चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने नीति जारी की है। इन हॉस्पिटल्स में मरीजों को नि:शुल्क इलाज मिलेगा। पेशेंट पर होने वाला खर्च सरकार उठाएगी। साथ ही अस्पतालों में आयुष्मान समेत तमाम सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
प्रदेश सरकार ने पीपीपी
मॉडल पर 16 मेडिकल कॉलेज
खोलने का फैसला पहले ही लिया था। अब अस्पताल खोलने के लिए भी नीति तैयार की गई है।
इसके लिए सरकार और निजी क्षेत्र की कंपनी के बीच एमओयू होंगे। सरकार निजी क्षेत्र के लोगों को हॉस्पिटल के क्षेत्र
में निवेश के लिए आकर्षित कर रही है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में अधिक से अधिक
नए अस्पताल खोलकर मरीजों को सस्ते दर पर इलाज मुहैया कराया जाए। खास बात यह हैं कि
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) से पहले इस नीति
को तैयार करने से इसको लेकर बड़े ऐलान के कयास लगाए जा रहे हैं।
50 बेड के अस्पताल
के लिए सरकार देगी जमीन
पीपीपी मॉडल पर खुलने वाले 50 बेड के हॉस्पिटल के लिए सरकार वीजीएफ यानी वाइबिलिटी
गैप फंडिंग के तहत जमीन मुहैया कराएगी। कॉरपोरेट कंपनी अस्पताल बनाएगी। सरकार और
कंपनी के बीच उपचार का मूल्य तय हो जाएगा। लगभग 30 साल बाद ये अस्पताल जस के तस सरकार को लौटा
दिए जाएंगे। इसमें दूसरा विकल्प यह दिया गया है प्राइवेट क्षेत्र की
कंपनी खुद जमीन खरीदेगी और अस्पताल बनवाएगी। उसका रख-रखाव समेत अन्य सुविधाएं वही
देगी। फिर अस्पताल सरकार को वापस कर देगी। इसके लिए सरकार और कंपनी के बीच एमओयू होगा। उसमें नियम
और शर्तें तय की जाएंगी। वहीं, 200 बेड के अस्पताल
बनाने के लिए प्राइवेट क्षेत्र की कंपनी जमीन खरीदकर अस्पताल बनवाएगी और उसका रख-रखाव
करेगी। निर्धारित समय बाद अस्पताल यूपी सरकार को लौटा देगी।