भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO ने आज अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई। बताया जा रहा है कि, एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने तीनों सैटेलाइट को ऑर्बिट में सही जगह पहुंचाने के लिए टीमों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि, एसएसएलवी-डी1 के दौरान जब दिक्कतें आईं, हमने उनका विश्लेषण किया और जरूरी कदम उठाए, और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लॉन्चिंग सफल रहे। इससे पहले एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2 और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल थी। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किए गए।
इसरो के मुताबिक, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाता है। यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लॉन्च की सुविधा देता है। 34 मीटर लंबे एसएसएलवी रॉकेट का व्यास 2 मीटर है। इस रॉकेट का वजन 120 टन है।