जाहिर है बीते कुछ दिनों से बारिश ने आफत मचा रखी है। वहीं इस तरह की परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने आपदा राहत सहायता राशि को 20-50 फीसदी तक बढ़ाने का एलान किया है।
केन्द्र ने बारिश, बाढ़ और हिमस्खलन की विभीषिका का सामना कर रहे लाखों लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया है। फसलों, घरों, अस्पतालों, स्कूलों और पंचायत भवनों को हुए नुकसान के साथ ही व्यक्तिगत शारीरिक क्षति होने पर भी इसका लाभ मिलेगा।
मत्स्यपालकों, हस्तशिल्पियों, हथकरघा कलाकारों को नुकसान पर दी जाने वाली सहायता राशि भी बढ़ाई गई है। घरों के पूरी तरह नष्ट या क्षतिग्रस्त होने और पशुओं की मृत्यु पर मिलने वाली राहत राशि को बढ़ा दिया गया है। हालांकि, मृत्यु पर परिजनों को सहायता राशि नहीं बढ़ाई गयी है।
फसलों के 33% या अधिक नुकसान पर सिंचित क्षेत्रों में 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर अब 8,500 और सुनिश्चित सिंचित क्षेत्रों में 13,500 की जगह 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता मिलेगी। यह बढ़ोत्तरी 25 और 20% पर की गयी है।
इसके अलावा अतिवृष्टि और बाढ़ पर राहत को लेकर गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग में निदेशक पवन कुमार ने राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। वर्तमान में नई दरों से सहायता दी जा सकेगी। संशोधित दरें वित्तीय वर्ष 2022-23 से लागू होंगी।
इधर, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि, सभी एकल लाभार्थी वाली सहायता लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएं। दो वर्ष बाद मानदंडों की मध्यावधि समीक्षा होगी।
बता दें कि, आपदा में मृतकों के परिजनों को पहले की तरह 4 लाख रुपये, 40-60% अपंगता पर 59,100 की जगह 74,000 रुपये, 60% से ज्यादा अपंगता पर 2.50 लाख का मुआवजा, गहरे जख्म होने पर 12,700 की जगह 16,000 रुपये, गंभीर घायल को 4,300 की जगह 5,400 रुपये।
वहीं आपदा में घर क्षतिग्रस्त होने पर कपड़ों के लिए 2,500 और घरेलू सामान के लिए 2,500 रुपये जबकि, कृषि भूमि से मलबा हटाने, मछली फार्मों की मरम्मत के लिएप्रति हेक्टेयर 12,200 की जगह 18,000 रुपये और प्रति किसान न्यूनतम 2,200 की मदद दी जाएगी।