Read in App


• Sun, 11 Apr 2021 11:29 am IST


सुदर्शन आश्रम से जगन्नाथ मंदिर तक निकली भव्य शोभायात्रा


सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व है कुंभ मेला-महंत दिलीप दास
हरिद्वार। कुंभ मेले के दौरान संत समाज द्वारा निकाली जा रही शोभायात्राओं के क्रम में शनिवार को ललतारो पुल के समीप स्थित सुदर्शन आश्रम से जगन्नाथ मंदिर के परमाध्यक्ष महंत दिलीप दास महाराज के सानिध्य में भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। बैण्ड बाजों व भव्य झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा बैरागी कैंप स्थित जगन्नाथ मंदिर में पहुंचकर संपन्न हुई। शोभायात्रा का कई स्थानों पर विभिन्न सामाजिक संगठनों व श्रद्धालुजनों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान महंत दिलीप दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व है। कुंभ मेले में देश भर से आए संत गंगा तटों पर धार्मिक अनुष्ठानों के जरिए विश्व कल्याण की कामना करते हैं।
कुंभ मेले में विश्व की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार के गंगा तट पर होने वाला संत समागम विश्व में एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है। जगन्नाथ मंदिर के मुख्य ट्रस्टी महेंद्र भाई झा ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में होने वाला कुंभ मेला श्रद्धालु भक्तों को सकारात्मक धर्म संदेश प्रदान करता है। कुंभ मेले के दौरान मां गंगा के पवित्र तट पर संत महापुरूषों के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालु भक्तों का कल्याण हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु कोविड नियमों का पालन करते हुए संत दर्शन व कुंभ स्नान का लाभ उठाएं। श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि धर्म संस्कृति की रक्षा में वैष्णव अखाड़ों की हमेशा ही मुख्य भूमिका रही है। कुंभ मेले के दौरान देश भर से आने वाले संतों के तप, ज्ञान व वैराग्य के दर्शन कर श्रद्धालु भक्त धन्य होते हैं। सभी को बारह वर्ष में होने वाले कुंभ मेले के दौरान संत दर्शन व गंगा स्नान करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में कुंभ मेला दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज, श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्ण दास नगरिया महाराज, महंत रघुवीर दास, महंत राजबिहारी दास काठियाबाबा, महंत फूलडोल दास, महंत रामजी दास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत गौरी शंकर दास, महंत अनिरुद्ध दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत रामशरण दास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत प्रेमदास, महंत लाल दास, महंत अगस्त दास, महंत मोहन दास, महंत विष्णु दास, बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास, सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।