DevBhoomi Insider Desk • Thu, 5 May 2022 7:58 am IST
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रहा पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन
उत्तराखंड राज्य में पर्वतीय जिलों से हो रहे पलायन को रोकना राज्य सरकारों की प्राथमिकता रही है। अगस्त 2017 में गठित उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने अब अपनी संस्तुतियों पर संबंधित विभागों द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा करना शुरू कर दिया है। आयोग के उपाध्यक्ष डा. एसएस नेगी ने आयोग की संस्तुतियों पर अब तक हुई प्रगति की जिलेवार रिपोर्ट मांगी है। सरकार अब यह देखना चाह रही है कि आयोग बनने के बाद से सरकारी तंत्र पलायन रोकने में कितना कामयाब हुआ है। तेजी से खाली हो रहे गांवों के आबाद होने की उम्मीद कोविड काल में घर लौटे प्रवासियों ने बढ़ाई थी। अब देखना यह है कि उस दौर में प्रवासियों को गांव में रोजगार देकर यहीं रोकने की सरकारी मुहिम कितनी कामयाब रही? देखने की जरूरत यह भी है कि जिस आशा के साथ पलायन आयोग का गठन किया गया, पांच सालों में उसके परिणाम क्या तथा किस स्तर पर हैं? इस विषय पर गंभीरता बरतने की आवश्यकता इसलिए भी है कि राज्य के सीमांत क्षेत्र से हो रहा पलायन मात्र क्षेत्रीय न हो कर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न है।