जनजाति क्षेत्र बावर के गांवों में इस बार कहीं पर नई तो कहीं पर बूढ़ी दीपावली मनाई जाएगी। जनजातीय क्षेत्र में बूढ़ी दीपावली का जश्न पांच दिन तक चलेगा। जौनसार के गांवों में एक माह बाद बूढ़ी दीपावली मनाई जाएगी। इसके लिए करीब दो सौ गांवों, मजरों और खेड़ों में ग्रामीणों ने बूढ़ी दीपावली के लिए मकानों की साफ सफाई, मरम्मत और रंगाई पुताई का काम शुरू करा दिया है। सफाई के बाद जौनसार में हर घर से विशेष व्यंजन चिउड़ा मूडी की महक उठेगी। हर घर से उठती महक खुद ही बूढ़ी दीपावली के आने का अहसास करा देती है। यहां के ग्रामीण पटाखा जलाकर पर्यावरण प्रदूषित नहीं करते, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर लकड़ी की मशाल जलाकर पंरपरागत तरीके से पर्व की शुरुआत करते हैं।