टीबी की बीमारी का सीधा प्रभाव छाती पर पड़ता है और कभी-कभी सांस लेने में भी परेशानी हो जाती है। कोरोनाकाल में टीबी मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करते रहना चाहिए। आम तौर पर कुछ मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। कोरोनाकाल में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। टीबी मरीजों को जागरूक करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है।