राजधानी देहरादून के मालदेवता में सरखेत के समीप टिहरी के ग्वाड़ गांव में आपदा में जान गंवाने वाले पति-पत्नी राजेंद्र और सुनीता की अंतिम यात्रा भी मुश्किलों भरी रही। लोगों ने कहीं रस्सी के सहारे शवों को नदी-गेदेरे पार कराए तो कहीं टूटी सड़क से मुश्किलें उठाईं। संकरी पगडंडियां, टूटे रास्ते, नीचे नदी और ऊपर भूस्खलन के खतरे के बीच गमगीन ग्रामीणों ने खुद की जान जोखिम में डालकर शवों को सड़क तक पहुंचाया।आपदा में अनाथ हुआ दस साल का सिद्धार्थ भी माता-पिता की जोखिमभरी अंतिम यात्रा में साथ चल रहा था। लालपुल-सीतापुर मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। लालपुल से ऊपर रास्ते बंद हैं। ग्वाड़ में करीब सात लोग मलबे में दब गए थे, जबकि कई लोग घायल हुए। घर के मलबे में दबे राजेंद्र राणा (36) और उनकी पत्नी सुनीता राणा (30) का शव शनिवार को निकाल लिया गया था।