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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 27 Dec 2022 4:30 pm IST

मनोरंजन

Oscar पाते-पाते रह गई थी महबूब खान की 'मदर इंडिया', चयनकर्ताओं को खटक गई थी ये बात


सिनेमा जगत के सबसे बड़े अवार्ड्स ऑस्कर के लिए  'द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज' ने साल 2022 की फिल्मों को शार्ट लिस्ट कर लिया है। इस लिस्ट में कई कटेगरीज की फ़िल्में शामिल हैं, जिनमें दो भारतीय फिल्मों को भी जगह मिली है। 95वें ऑस्कर 2022 का आयोजन 27 मार्च 2023  को रविवार के दिन  कैल‍िफोर्न‍िया स्थ‍ित लॉस एंजेल‍िस के डॉल्बी थ‍िएटर में किया जायेगा। हालांकि आज हम इस साल ऑस्कर में शामिल की गई फिल्मों की नहीं बल्कि उस भारतीय फिल्म की चर्चा करेंगे जो महज के वोट की वजह से ऑस्कर अवार्ड पाने से वंचित रह गयी थी।  जी हां हम बात कर रहे हैं फिल्म 'मदर इंडिया' की। 


बता दें कि अब तक कुल 3 भारतीय फिल्मों ने Best Foreign Language Film की कैटेगरी में ऑस्कर नामांकन हासिल किया है। इन्हीं में से एक है महबूब खान निर्देशित फिल्म 'मदर इंडिया'। साल 1957 में हिंदी सिनेमा के दर्शकों द्वारा बेहद पसंद की गई फिल्म 'मदर इंडिया' को विदेशी भाषा में बनी श्रेष्ठ फिल्म श्रेणी में भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया था। फिल्म के तकनीकी पक्ष और निर्देशक द्वारा बनाई भावना की लहर से ऑस्कर के चयनकर्ता बेहद प्रभावित हुए थे, लेकिन उन्हें फिल्म में जो बात सबसे ज्यादा खटक रही थी वह थी आखिर एक्ट्रेस पति के पलायन के बाद महाजन द्वारा दिए गए शादी का प्रस्ताव को क्यों अस्वीकार कर देती हैं जबकि महाजन उसके बच्चों का भी उत्तरदायित्व उठाने के लिए तैयार था। दरअसल,ऑस्कर चयनकर्ताओं को किसी ने ये स्पष्ट नहीं किया कि भारतीय नारी अपने सिंदूर के प्रति कितनी अधिक समर्पित होती है। वहीं फिल्म 'मदर इंडिया' भारत के सदियों पुराने आदर्श के प्रति समर्पित थी।


कहा जाता है कि ऑस्कर जीतने के लिए फिल्म की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को स्पष्ट करने के लिए वहां एक प्रचार विभाग  की नियुक्ति होनी आवश्यक थी, लेकिन उस वक्त ऐसा कुछ नहीं किया गया था। वहीं फिल्म के अंतिम दृश्य में एक मां अपने सबसे प्रिय पुत्र को सिर्फ गोली मार देती है क्योंकि वह सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ जा रहा होता है। बताया जाता है कि फिल्म का नाम 'मदर इंडिया' उस वक्त की दिग्गज एक्ट्रेस नरगिस द्वारा सुझाया गया था। ये भी कहा जाता है कि ऑस्कर सेरेमनी के दौरान 'मदर इंडिया' तीसरे पोल के बाद महज एक वोट से अवॉर्ड जीतने से चूक गई थी। ऐसे में उस साल बेस्ट फॉरेन फिल्म का अवॉर्ड इटालियन प्रोड्यूसर डीनो डे लॉरेन्टिस की फिल्म 'नाइट्स ऑफ केबिरिया' ने हासिल कर लिया था। 

by-Nisha Shukla
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