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• Tue, 25 May 2021 11:47 am IST


एम्स ऋषिकेश में मिले ब्लैक फंगस के नौ मरीज, कुल मरीजों की संख्या पहुंची 83


ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के नौ केस मिले हैं। एम्स में अब तक 83 मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण मिला है। वहीं संस्थान में लगातार ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ रहे हैं। इससे इलाज के लिए इस्तेमाल होने इंजेक्शनों की संकट भी पैदा होने लगा है। एम्स ने सरकार से मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की है। एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियान ने बताया कि सोमवार को नौ मरीजों में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि अब तक संस्थान में ब्लैक फंगस से 83 केस मिले हैं। इनमें से छह मरीजों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है, जबकि एक मरीज को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी किया गया है। हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस केयर वार्ड में अब 76 मरीज भर्ती है। वहीं दूसरी ओर एम्स ऋषिकेश में मरीज के इलाज में प्रयोग होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी और लाइपोसोमल इंजेक्शन की कमी भी होने लगी है। सोमवार को 75 इंजेक्शन की डोज मिली थी, लेकिन संस्थान में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। म्यूकोरमाइकोसिस केयर वार्ड में 17 गंभीर संक्रमित भी भर्ती हैं। हॉस्पिटल अफेयर्स के डीन प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि ब्लैक फंगस में एम्फोटेरिसिन-बी और लाइपोसोमल इंजेक्शन की कमी हो रही है। उन्होंने बताया इसके चलते अन्य एंटी फंगल इंजेक्शन का प्रयोग भी करना पड़ रहा है, लेकिन गंभीर मरीज को एम्फोटेरिसिन-बी और लाइपोसोमल इंजेक्शन दिए जाते हैं। उन्होंने बताया सर्जरी के बाद इन इंजेक्शनों की अधिक जरूरत पड़ती है। प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार से इजेक्शनों की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की गई है।