अक्टूबर में तीज-त्योहार के 15 दिन रहेंगे। इनमें महीने के पहले और आखिरी हफ्ते में ज्यादा व्रत-पर्व रहेंगे। नवरात्रि के दौरान इस महीने की शुरुआत हुई है। जिसमें 3 को दुर्गाष्टमी, 4 को महानवमी और 5 तारीख को दशहरा रहेगा। जिसके 4 दिन बाद शरद पूर्णिमा पर्व होगा। शरद पूर्णिमा के तीन दिन बाद सुहागनों का पर्व यानी करवा चौथ व्रत रहेगा। फिर अहोई अष्टमी और रमा एकादशी व्रत आएंगे। वहीं, अक्टूबर के आखिरी हफ्ते की शुरुआत धनतेरस से होगी। इसके अगले दिन रूप चतुर्दशी फिर 24 तारीख को दीपावली रहेगी। इस बार दीपावली के अगले दिन सूर्यग्रहण होगा। जो कि भारत में दिखेगा। इसलिए 26 तारीख को गोवर्धन पूजा और भाई दूज दोनों मनाए जाएंगे। इसके बाद 28 अक्टूबर से 4 दिनों का छठ पर्व शुरू हो जाएगा। जो कि 31 तारीख को उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर खत्म होगा।
व्रत-उपवास
चतुर्थी व्रत: 13 और 29 अक्टूबर को किया जाएगा। इनमें 13 तारीख को करवा चौथ और 29 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी रहेगी।
एकादशी व्रत: 6 और 21 अक्टूबर को किया जाएगा। 6 तारीख को पापांकुशा एकादशी व्रत और 21 तारीख को रमा एकादशी व्रत किया जाएगा।
प्रदोष व्रत: 7 और 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि होने से प्रदोष व्रत किया जा सकता है। इनमें पहला शुक्र और दूसरा शनि प्रदोष रहेगा। जिससे व्रत का फल बढ़ जाएगा।
पर्व और त्योहार -
9 अक्टूबर, रविवार: ये अश्विन महीने का आखिरी दिन होता है। इस दिन चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र के साथ और सौलह कलाओं के साथ रहता है। इसलिए मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है।
17 अक्टूबर, सोमवार: इस दिन सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा। जिससे इस दिन सूर्य संक्रांति मनाई जाएगी। इस पर्व पर सूर्य को जल चढ़ाने के साथ ही तीर्थ-स्नान करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही इनसे मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है।
22 अक्टूबर, शनिवार: ये पांच दिनी दीपोत्सव पर्व का पहला दिन रहेगा। त्रयोदशी तिथि होने से धनतेरस पर्व मनेगा। इस पर्व पर धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
23 अक्टूबर, रविवार: इस दिन सूरज उगने से पहले उबटन लगाकर नहाने का विधान है। चतुर्दशी तिथि होने से यमराज की पूजा भी की जाती है।
24 अक्टूबर, सोमवार: इस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या होने से दीपावली पर्व रहेगा। ये लक्ष्मी पूजा का दिन रहेगा।
30 अक्टूबर, रविवार: इस दिन कार्तिक मास की षष्ठी तिथि रहेगी। छठी तिथि होने से इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।