प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सैन्यधाम के रास्ते को लेकर पेच फंस गया है। यह समस्या ऐसे समय सामने आई है इसी माह 15 दिसंबर को यहां प्रदेश भर के 1734 शहीदों के घर-आंगन की मिट्टी लेकर आ रही शहीद सम्मान यात्रा संपन्न होनी है। दरअसल, सैन्यधाम के मार्ग में निजी व्यक्ति की भूमि आड़े आ रही है। यह मसला सुलझ नहीं पाया है। मुख्यमंत्री को खुद इस मामले में दखल देना पड़ा। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव एल फैनई से दो दिनों के भीतर मामले में रिपोर्ट मांगी है।
देहरादून के गुनियालगांव में सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग की ओर से सैनिक कल्याण विभाग को चार हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। जिस पर 63 करोड़ की लागत से सैन्यधाम का निर्माण किया जाना है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पेयजल निर्माण निगम की ओर से इसका प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि रास्ते का मामला सुलझाए बिना ही इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार कर दिया गया। अब जबकि सैन्यधाम की शोभा बढ़ाने के लिए पुराने टैंक और अन्य सैन्य हथियार यहां लाए जा रहे हैं। सैन्यधाम के लिए रास्ते का मामला सामने आया है।