उत्तरकाशी : मोरी क्षेत्र में इस वर्ष अत्यधिक बारिश के चलते राजमा व चौलाई पर मौसम की मार ने यमुना घाटी के हजारों काश्तकारों की आजीविका संकट में डाल दी है। अन्तर्राष्ट्रीय मंडियों में धूम मचाने वाली राजमा व चौलाई इस बार खाने को तो दूर काश्तकारों को बीज के लिए भी उपलब्ध होना मुश्किल हो गया है।उत्तरकाशी जिले के यमुना घाटी के सीमावर्ती विकास खण्ड मोरी में अत्यधिक राजमा व चौलाई की फसल की खेती की जाती है। जो जखोल, फिताडी, रेकचा, हरिपुर, सुनकुडी, सावणी ,सटूडी, पांव तल्ला, सिरगा, औसला, गंगाड़, पंवाणी ढाटमीर, मसरी, खन्ना, खनयासणी, देवल, हडवाडी, बरी, सेवा, पुजेली आदि गांवों में प्रति परिवार 5 से 10 कुंतल उत्पादन होता था। इस वर्ष अत्यधिक बरसात होने के कारण राजमा व चौलाई की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीण किसान कृपाल सिंह,जगत राम, जगमोहन सिंह, नैन सिंह आदि ने बताया कि जहां आज तक राजमा व चौलाई की फसल को बेचने से परिवार का पालन पोषण करते थे वहीं इस बार फसल उत्पादन ठप रहने से भविष्य की चिन्ता संताने लगी है।