ट्रीटमेंट के नाम पर करोड़ों खर्च के बाद भी तांबाखाणी सुरंग में पानी का रिसाव नहीं रुक पाया है। स्थिति यह है कि नियमित सफाई नहीं होने से पानी के रिसाव के कारण सुरंग में जगह-जगह कीचड़ और गंदगी पसरी हुई है, जिससे लोगों को चलना मुश्किल हो गया है।
वर्ष 2003 में वरुणावत भूस्खलन के बाद तांबाखाणी रोड पर पत्थर गिरने की घटनाएं बढ़ी, जिसके बाद इस हिस्से में करोड़ों की लागत से 358 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया। जिस पर लाइनिंग कार्य पूरा होने में लंबा वक्त लगा। इस बीच बिना लाइनिंग कार्य के ही सुरंग को आवाजाही के लिए खोला गया। बाद में लाइनिंग कार्य समेत ड्रेनेज सिस्टम आदि पर अलग से लगभग 13 करोड़ से ऊपर धनराशि खर्च की गई, लेकिन सुरंग ट्रीटमेंट के नाम पर करोड़ों खर्च होने के बाद भी सुरंग के हालात नहीं सुधर पाए हैं।