बागेश्वर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं की काशी के नाम से विख्यात बागेश्वर के उत्तरायणी कौतिक को धार्मिक, सांस्कृतिक के साथ ही राजनीतिक महत्व का बताया। सीएम ने वर्चुअली मेले का उद्घाटन किया। मेले का औपचारिक उद्घाटन सांसद अजय टम्टा ने किया।नुमाइशखेत मैदान में मेले के शुभारंभ पर हुई सभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण में मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कहा कि उत्तरायणी मेले ने लोगों को आपस में जोड़ने का कार्य किया है। मकर संक्रांति पर पतित पावनी सरयू में त्रिमाघी स्नान और पौराणिक बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का पौराणिक काल से विशेष धार्मिक महत्व रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक मेला, निश्चित रूप से आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा।उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बद्री दत्त पांडे और अन्य सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से कुली बेगार जैसी कुप्रथा का अंत हुआ। उन्होंने कहा कि इस बार की मकर संक्रांति और माघ मास इसलिए भी खास है कि इस बार अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का शुभारंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य कार्यक्रमों के पूर्व नियोजित होने और शासकीय कार्यों की व्यस्तता के चलते वह स्वयं मेले में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से राज्य में मानसखंड और केदारखंड को विश्व पटल पर लाया गया है।