नवंबर महीना अब खत्म होने वाला है और इस महीने के अंत में अग्नि पंचक लगने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ नक्षत्र माना जाता है और इनमें भी अग्नि पंचक को सबसे अधिक दूषित माना जाता है। पंचक के दौरान किए गए कार्य के दुष्परिणाम पांच गुना बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप कोई भी बड़ा व शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो पहले किसी ज्योतिष विशेषज्ञ के जरुर जान लें। इसके अलावा इस दिन किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए आइए जानते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, अग्नि पंचक 29 नवंबर, मंगलवार को रात 07 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा और अगले पांच दिनों तक यानी 4 दिसंबर रविवार को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर खत्म होगा। इन पांच दिनों में कोई भी शुभ काम करने से बचना चाहिए।
इस दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य
- अग्नि पंचक के दौरान मशीनरी, औजारों और निर्माण कार्य से जुड़े सामानों को खरीदने से बचना चाहिए। क्योंकि इस समय आग लगने का डर ज्यादा होता है जिससे की और नुकसान हो सकता है।
- अग्नि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार यह दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है।
- मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल बहुत सावधानी से करना चाहिए।
- इसके अलावा अग्नि पंचक के दौरान क्रोध करने से बचें, इससे आपको हानि पहुंच सकती है, साथ ही वाणी पर संयम रखें।
क्या है अग्नि पंचक?
शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा का गोचर जब कुंभ और मीन राशि में होता है तो उस समय चक्र को पंचक कहते हैं। इन 5 दिनों में विशेष संभलकर रहने की आवश्यकता होती है। वहीं जो पंचक मंगलवार के दिन से शुरू हो रहा हो उसे अग्नि पंचक कहते हैं।