एमओयू पर डब्ल्यूआईआई की रजिस्ट्रार डा. मोनाली सेन और विवि के रजिस्ट्रार डा. एमएस मंदरवाल हस्तारक्षर किया।
विवि की कुलपति डा. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि इस एमओयू से प्राकृतिक संसाधन और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान का आदान-प्रदान हो सकेगा। इससे दोनों संगठनों के वैज्ञानिकों,संकाय सदस्यों, शोध अध्येताओं और छात्रों के बीच बातचीत व सूचनाओं का आदान प्रदान बढ़ेगा। इससे दोनों के बीच आंतरिक रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान ,अनुसंधान एवं विकास,प्रयोगशाला सुविधाओं को साझा करने का मौका मिलेगा।
इस दौरान डब्ल्यूआईआई के संकाय सदस्य डा. वीपी उनियाल, डा. बिलाल हबीब, दून विवि के संकाय सदस्य प्रो. कुसुम अरुणाचलम और सहायक प्रोफेसर अरुण कुमार आदि भी मौजूद रहे।