चंपावत स्थित टनकपुर में संयुक्त चिकित्सालय प्रबंधन की लापरवाही सस्ती दवा योजना पर बट्टा लगा रही है। संयुक्त चिकित्सालय में खुला जनऔषधि केंद्र एक साल से बंद है। मरीजों को बाजार से महंगी दवा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मरीजों को बाजार से महंगी दवाएं न खरीदनी पड़ें इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना लागू कर देशभर में कई जगह केंद्र खोले, लेकिन संयुक्त अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली के कारण लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां जनवरी 2019 में जनऔषधि केंद्र खोला गया था, जिस पर पिछले साल से ताला लटका है। जन औषधि केंद्र के लिए अस्पताल परिसर में ही नए भवन का निर्माण भी किया जा चुका है, लेकिन केेंद्र को शुरू कराने में अस्पताल प्रबंधन की कोई दिलचस्पी नहीं है। संयुक्त चिकित्सालय के प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संचालक नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन सहयोग नहीं कर रहा है। डॉक्टर केंद्र में उपलब्ध दवाइयां न लिखकर बाजार की दवाइयां लिखते हैं। इस वजह से केंद्र में उपलब्ध करीब दो लाख रुपये की दवाइयां एक्सपायर हो चुकी हैं। कुछ स्थानीय दवा विक्रेता भी साजिश कर रहे हैं। संचालक को कई बार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कहा जा चुका है। उच्च अधिकारियों को भी इसकी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है, लेकिन केंद्र का संचालन निजी सोसायटी की ओर से होने के कारण विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। - डॉ. एचएस ह्यांकी, सीएमएस संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर।