कहावत है कि, हमें आपदा में अवसर ढूढ़ना चाहिए, तीन साल पहले जिस युवती के साथ दुष्कर्म किया गया, उसी के साथ सरकारी नौकरशाहों ने भी अन्याय किया।
मिली जानकारी के मुताबिक, शहर कोतलवाली के गदागंज क्षेत्र में 19 फरवरी 2019 को एक युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था। 26 अगस्त 2020 को पीड़िता के फर्जी आधार कार्ड से स्थानीय बैंक ऑफ महाराष्ट्र में जनधन खाता खुलवाया गया था। लेकिन लिमिट 50 हजार रुपये थी। और रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना के तहत मुआवजा तीन लाख रुपये आना था। इसलिए पीड़िता के नाम से फर्जी प्रार्थनापत्र देखकर बैंक खाते को सामान्य में बदलवा दिया गया।
इसमें पीड़िता का नाम और पता तो था। लेकिन फोटो और मोबाइल नंबर दूसरी युवती का था। बीते वर्ष 24 अक्तूबर को खाते उस बैंक खाते में तीन लाख रुपये आए। इनमें से 14 नवंबर से 22 नवंबर तक एटीएम के जरिए एक लाख रुपये निकाल लिए गए। खाते में युवती का मोबाइल नंबर दर्ज होने से उसे लेन-देन का संदेश मिला तो, वो अपनी मां के साथ लिपिक से मिलने पहुंची।
मामले में एसडीएम राजेंद्र शुक्ला के सामने पीड़िता ने बयान दर्ज कराए। उसने अपने नाम और पते से खोले गए खाते को फर्जी बताया। कहा कि किसी भी अनुदान के लिए न तो आवेदन किया और न ही कोई लाभ मिला। सरकारी मदद जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा और बाबू राजेश श्रीवास्तव ने धोखाधड़ी कर हजम कर ली। मामले की शिकायत पर एसपी से सीओ सिटी से जांच कराई। जिसपर असलियत सामने आ गई।