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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 19 Nov 2022 2:02 pm IST


आगरा के पेठे, मथुरा का पेड़ा, लखनऊ की रेवड़ी को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पटल व बाज़ारों में पहचान, GI टैग दिलाने की तैयारी में यूपी सरकार


विनीत चतुर्वेदी 

लखनऊ : कृषि उत्पादों के साथ-साथ  प्रदेश के हर ज़िले के विशेष पारम्परिक व पुरातन  मशहूर उत्पादों-पकवानों  को अंतर्राष्ट्रीय पटल व बाज़ारों में पहचान दिलाने को वर्तमान प्रदेश सरकार कटिबद्ध दिखाई देती  है।  'एक ज़िला-एक उत्पाद' की दूरदर्शी , महत्वाकांक्षी, लोकप्रिय और सफल योजना को ज़मीनी तौर पर  बख़ूबी क्रियान्वित कर वर्तमान  सरकार प्रदेश के किसानों और लघु उद्यम कर्मियों के आमूल-उत्थान की अपनी मंशा  को पहले ही ज़ाहिर और  साबित कर चुकी है। 

प्रदेश सरकार अब राज्य के ज्यादातर मशहूर खाद्य उत्पादों को जीआइ (जियोग्राफिकल इंडिकेशन  ) टैग के जरिए पूरी दुनिया में विशिष्ट पहचान दिलाने में जुटी है। 

कई शहरों के उत्पादों  के लिए किया गया है आवेदन 
‘जीआई टैगिंग’ के लिए जिन संभावित कृषि एवं प्रसंस्कृत उत्पादों का जिक्र किया गया है, उनमें मलवां का पेड़ा, मथुरा का पेड़ा, फतेहपुर सीकरी की नान खटाई, आगरा का पेठा, अलीगढ़ की चमचम मिठाई, कानपुर नगर का सत्तू और बुकनू, प्रतापगढ़ी मुरब्बा, मैगलगंज का रसगुल्ला, संडीला के लड्डू व बलरामपुर के तिन्नी चावल प्रमुख हैं। इसके अलावा गोरखपुर का देशी मूंगफली, गुड़-शक्कर, हाथरस का गुलाब और गुलाब के उत्पाद, बिठूर का जामुन, फर्रूखाबाद का हाथी सिंगार (सब्जी), चुनार का जीरा-32 चावल, बाराबंकी का यकूटी आम, अंबेडकरनगर का हरा मिर्चा, गोंडा का मक्का, सोनभद्र का सॉवा कोदों, बुलंदशहर का खटरिया गेहूं, जौनपुरी मक्का, कानपुरी लाल ज्वार, बुंदेलखंड का देशी अरहर भी शामिल है। 



जानें क्या होता है जीआई  टैग 
जीआई टैग किसी क्षेत्र विशेष  में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जीआई टैग को एक ट्रेडमार्क के रूप में देखा-माना  जाता है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है, साथ ही स्थानीय आमदनी भी बढ़ती है। क्षेत्र-विशेष के विशिष्ट कृषि उत्पादों  को पहचान कर उनका भारत के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निर्यात और प्रचार प्रसार करने में आसानी होती है।

उत्तर प्रदेश के कुल 36 प्रोडक्ट ऐसे हैं, जिन्हें अब तक ‘जीआई टैग’ मिल चुका है। इसमें छह उत्पाद कृषि से जुड़े हैं। वहीं, अगर पूरे देश की बात करें तो कुल 420 उत्पाद ‘जीआई टैग’ के तहत पंजीकृत हैं, जिसमें से 128 उत्पाद कृषि से संबंधित हैं।

कृषि विभाग में अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि अभी उत्तर प्रदेश के जो छह उत्पाद ‘जीआई टैग’ में पंजीकृत हैं, उनमें इलाहाबादी सुर्खा अमरूद, मलिहाबादी दशहरी आम, गोरखपुर-बस्ती एवं देवीपाटन मंडल का काला नमक चावल, पश्चिमी उप्र का बासमती, बागपत का रतौल आम और महोबा का देसावरी पान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे करीब 15 कृषि एवं प्रसंस्कृत उत्पाद हैं, जिनके भौगोलिक संकेतक हेतु पंजीयन की प्रक्रिया लंबित है।